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बवासीर के रोगियों के लिए रामबाण है यह सब्जी , किसान भी खेती से हो रहे मालामाल

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बवासीर के रोगियों के लिए रामबाण है यह सब्जी / this-vegetable-is-a-panacea-for-piles-patients-farmers-are-also-getting-rich-from-farming: – नमस्कार किसान भाइयों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक महत्वपूर्ण जानकारी। जिसके माध्यम से बवासीर के रोगियों को मदद मिलेगी और किसान भाई भी उस फसल को लगाकर लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं। रोजाना अपनी मंडी भाव के लिए गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi Xpert

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बवासीर के रोगियों के लिए भी रामबाण है ये सब्जी , किसान भी खेती से हो रहे मालामाल इस फसल के लिए न ही सिंचाई और न ही कोई खाद उर्वरक की आवश्यकता होती है । इसकी खेती छह महीने मे खत्म हो जाती है ।मृदा और कृषि विभाग के शोध में एक ऐसी सब्जी पर सफलता मिली है जो न केवल खाने में स्वादिष्ट है बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी है ।

इस सब्जी की खेती कर किसान निःसंकोच रूप से मालामाल बन सकते हैं. सबसे ख़ास बात यह है कि इसकी खेती बड़ी आसानी से की जा सकती है. इस सब्जी को सूरन (गजेंद्र 01 प्रजाति) के नाम से जानते है. इस फसल को संपन्न करने के लिए न ही सिंचाई और न ही कोई खाद उर्वरक की आवश्यकता होती है. इसकी खेती छः महीने मे संपन्न हो जाती है ।विशेषज्ञ प्रो. अशोक कुमार सिंह बताते हैं कि यह गजेंद्र 01 प्रजाति का सूरन है जो खाने के लिए बहुत अच्छा है. इसकी खेती कर किसान मालामाल बन सकते हैं. बिना खाद उर्वरक इसकी खेती होती है. यह 6 महीने की खेती किसानों के लिए बड़ा ही लाभदायक सिद्ध होगी ।

शोध में बिना खाद उर्वरक यह सूरन लगभग साढे चार किलो तक का पाया गया है.ये है इस खास प्रजाति के सूरन की खासियत कृषि एवं मृदा विभाग के विभागाध्यक्ष टी.डी कॉलेज बलिया के प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि कृषि के तकनीकी और शिक्षा पर हम लोग 18 सालों से काम कर रहे हैं. परिसर में शोध के लिए जो सूरन की खेती की गई है. वह गजेंद्र 01 प्रजाति की है. यह खाने के लिए बहुत अच्छी प्रजाति है. इसको खाने से गले में किसी प्रकार की खुजली नहीं होती है.

सूरन बवासीर के रोगियों के लिए भी रामबाण औषधि के रूप में जाना जाता है. 200 ग्राम के टुकड़े लगभग दो-दो फीट की दूरी पर 06 इंच के गहराई में लगाए जा सकते हैं ।किसानों के लिए लाभकारी यह 6 महीने की फसल है. इसमें जो हमने खेती में पाया वह एक सूरन की साइज लगभग साढे चार किलो तक है. इसमें किसी प्रकार का कोई खाद्य उर्वरक का प्रयोग भी नहीं किया गया. एक हेक्टेयर से लगभग 300 से 400 क्विंटल सूरन पैदा किया जा सकता है. इसमें बीज भी बहुत ज्यादा नहीं लगता है.

एक हेक्टेयर के लिए लगभग 20 से 25 कुंतल बीज पर्याप्त होता है. यह जो अपने शोध में पाया गया कि बिना खाद उर्वरक के प्रयोग इसका उत्पादन बहुत अच्छा और प्राकृतिक हुआ है ।किसान बन सकते हैं इस फसल से मालामाल यह कहने में जरा भी संकोच नहीं होगा कि इसकी खेती कर किसान भाई मालामाल बन सकते हैं. आज कल बजार में इसकी कीमत लगभग ₹40 प्रति किलो है यानी 1 बीघा में 100 क्विंटल सूरन का उत्पादन किया जा सकता है. जिसकी कीमत कम से कम 4 लाख रुपए तक होगी ।

डिस्क्लेमर : – नमस्कार किसान भाइयों हमारा उद्देश्य आपको महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाना है,