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आयात पड़ता मंहगा होने से अरहर तेज , मूंग मसूर उड़द चना दाल में मंदी

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आयात पड़ता मंहगा होने से अरहर तेज , मूंग मसूर उड़द चना दाल में मंदी / Pigeon pea on the rise, moong lentil, urad gram and gram dal on the decline due to import becoming expensive . नमस्कार किसान भाइयों दाल बाजार में मंदी आई और आयात पड़ते महंगे हो गए जिसके कारण चना मूंग उड़द भाव में गिरावट आई लेकिन अरहर भाव में तेजी आई। रोजाना अपनी मंडी के ताजा भाव अपडेट फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट मौसम पूर्वानुमान की जानकारी पाने के लिए गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi Xpert

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आयात पड़ते महंगे होने से अरहर तेज, उड़द एवं चना तथा मसूर में मंदा

नई दिल्ली। आयात पड़ते महंगे होने के साथ ही दाल मिलों की मांग से घरेलू बाजार में बुधवार को अरहर की कीमतें तेज हुई, जबकि इस दौरान उड़द के साथ ही चना और देसी मसूर में गिरावट आई। मूंग के भाव स्थिर ही बने रहे। चालू महीने में कांडला बंदरगाह पर जहां रूस से 33,000 टन पीली मटर आई है,

वहीं इस दौरान तुर्की से भी 33,150 टन पीली मटर मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है। चेन्नई में बर्मा की उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव 10-10 डॉलर तेज हुए, साथ ही इस दौरान लेमन अरहर की कीमतें 20 डॉलर तेज हो गई। उड़द एफएक्यू के भाव जनवरी शिपमेंट के 10 डॉलर तेज होकर दाम 995 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव 10 डॉलर बढ़कर भाव 1,080 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए। चेन्नई में लेमन अरहर के दाम 20 डॉलर तेज होकर 1,125 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए।


आयातित उड़द की कीमतें चेन्नई में कमजोर हुई, हालांकि डॉलर में इसके दाम तेज हुए। व्यापारियों के अनुसार आयात पड़ते महंगे होने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में हल्का सुधार तो बन सकता है लेकिन बड़ी तेजी के आसार नहीं है। उत्पादक मंडियों में नई उड़द की आवकों को देखते हुए मिलर्स केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार आगामी दिनों में नई उड़द की आवक तमिलनाडु के साथ ही तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की उत्पादक मंडियों में बढ़ेगी। उधर बर्मा में भी नई उड़द की आवक बढ़ेगी ।


बर्मा में उड़द का उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। हालांकि खपत का सीजन के कारण उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग बनी रहने के आसार है। आयात पड़ते महंगे होने के साथ ही नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग अरहर के दाम तेज हुए हैं। उधर चेन्नई में लेमन अरहर के दाम 20 डॉलर बढ़ गए। व्यापारियों के अनुसार म्यांमार से जहां लेमन अरहर का आयात आगामी दिनों में बढ़ेगा, वहीं घरेलू मंडियों में भी आगामी दिनों में नई अरहर की आवकों में और बढ़ोतरी होगी। इसलिए अरहर की कीमतों में अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। जानकारों के अनुसार अरहर की नई फसल का देखते हुए मिलर्स भी इस समय जरूरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे है। अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। हालांकि चालू सीजन में प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में अरहर के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है।


नेफेड को नीचे दाम की चना की निविदा मिलने से इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। दिल्ली में इसके दाम आज लगातार तीसरे दिन कमजोर हुए हैं। हालांकि कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में नए चना की खपत तो वही हो रही है लेकिन नेफेड के हल्के मालों के कारण भाव घट रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार मध्य प्रदेश और राजस्थान की चना की नई फसल आने में अभी समय है जबकि हाजिर बाजार में अच्छी क्वालिटी के चना का बकाया स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है, जिस कारण नीचे दाम पर बिकवाली कम हुई है। खपत का सीजन होने के कारण चना दाल एवं बेसन की मांग अभी बनी रहेगी। चालू रबी में चना की बुआई भी पिछले साल की तुलना में घटी है। ऐसे में चना की कीमतों में बड़ी गिरावट के आसार कम है।


गुजरात में नेफेड को 17 मार्च को 5,535 रुपये, राजस्थान में 5,600 रुपये तथा महाराष्ट्र में 5,601 रुपये तथा मध्य प्रदेश 5,506 रुपये, कर्नाटक में 5,613 रुपये और हैदराबाद में 5,590 रुपये की मिली है। दिल्ली में देसी मसूर के दाम लगातार दूसरे दिन कमजोर हुए जबकि आयातित के भाव बंदरगाह पर स्थिर ही बने रहे। व्यापारियों के अनुसार आयातक दाम घटाकर मसूर की बिकवाली नहीं करना चाहते, इसलिए मसूर की कीमतों में अभी बड़ी गिरावट के आसार नहीं है। वैसे भी खपत का सीजन होने के कारण मसूर दाल में बिहार, बंगाल एवं असम की मांग बनी रहने के आसार हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की मंडियों में देसी मसूर की आवक सीमित मात्रा में ही हो रही है, क्योंकि उत्पादक राज्यों में किसानों के पास देसी मसूर का बकाया स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है। नई फसल आने में अभी कई महीने हैं। हालांकि चालू रबी में मसूर की बुआई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है।


दाल मिलों की सीमित मांग से मूंग की कीमतें स्थिर हो गई। व्यापारी मूंग की मौजूदा कीमतों में ज्यादा मंदे में नहीं है। खपत का सीजन होने के कारण मूंग दाल में मांग अभी बनी रहेगी, साथ ही चालू रबी में इसकी बुआई पिछले साल की तुलना में पीछे चल रही है। इसलिए मौजूदा कीमतों में ज्यादा मंदा नहीं आएगा। उत्पादक राज्यों में मूंग की दैनिक आवक पहले की तुलना में कम हुई है। इसलिए एकतरफा बड़ी तेजी के आसार भी नहीं है। नेफेड राजस्थान के साथ ही मध्य प्रदेश में लगातार मूंग की बिकवाली कर रही है।


चेन्नई में एसक्यू उड़द के दाम शाम के सत्र में 8,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान एफएक्यू के दाम कमजोर होकर 8,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दिल्ली में एसक्यू उड़द के दाम शाम के सत्र में घटकर 9,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान एफएक्यू के दाम कमजोर होकर 8,775 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मुंबई में उड़द एफएक्यू के दाम 8,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। सोलापुर मंडी में नई देसी उड़द के भाव 8,000 से 9,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान इंदौर मंडी में देसी उड़द के भाव 8,000 से 8,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। देसी अरहर के दाम अकोला, नागपुर और रायपुर और कटनी में तेज हुए।


मुंबई में लेमन अरहर के दाम 250 रुपये बढ़कर 9,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमतें तेज हो गई। सूडान से आयातित अरहर के दाम 9,500 से 9,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान गजरी अरहर के भाव 100 रुपये तेज होकर दम 8,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मतवारा अरहर के भाव 100 रुपये बढ़कर 8,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। गजरी अरहर की कीमतें 100 रुपये तेज होकर दाम 8,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दिल्ली में देसी मसूर के दाम 25 रुपये कमजोर होकर भाव 6,450 से 6,475 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,250 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 6,100 से 6,125 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान हजीरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 6,175 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर हो गए।


दिल्ली में राजस्थान लाइन के चना के दाम 50 घटकर भाव 5,875 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश लाइन में चना के भाव 25 रुपये कमजोर होकर दाम 5,825 से 5,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दिल्ली में मूंग के भाव 8,350 से 8,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान जयपुर मंडी में मूंग के बिल्टी भाव 7,400 से 8,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इंदौर में देसी मूंग के दाम 8,000 से 8,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।