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नीचे दाम पर तेल मिलों की मांग बढ़ने से कीमतों में सुधार जाने हमारी रिपोर्ट

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नीचे दाम पर तेल मिलों की मांग बढ़ने से कीमतों में सुधार जाने हमारी रिपोर्ट / Our report shows improvement in prices due to increase in demand from oil mills at lower prices : – आज का सरसों भाव 2024, सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट 2024, नमस्कार किसान भाइयों आज इस पोस्ट में जानेंगे देशभर की मंडियों में सरसों की आवक और भाव में कितना बदलाव हुआ और सरसों भाव में आगे क्या रहने की संभावना है। रोजाना अपनी मंडी के ताजा भाव अपडेट पाने के लिए गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi Xpert

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नीचे दाम पर तेल मिलों की मांग बढ़ने से कीमतों में सुधार जाने हमारी रिपोर्ट , Our report shows improvement in prices due to increase in demand from oil mills at lower prices

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नीचे दाम पर तेज मिलों की मांग बढ़ने से सरसों की कीमतों में सुधार, दैनिक आवक स्थिर ।

नई दिल्ली। नीचे दाम पर तेल मिलों की खरीद बढ़ने के कारण घरेलू बाजार में बुधवार को सरसों की कीमतों में सुधार आया। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये तेज होकर दाम 5,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 2.85 लाख बोरियों के पूर्व स्तर पर स्थिर हो गई। विश्व बाजार में आज खाद्वय तेलों आज भी गिरावट दर्ज की गई। मलेशियाई पाम तेल के दाम करीब एक फीसदी से ज्यादा कमजोर हुए, साथ ही डालियान में खाद्वय तेलों के दाम घट गए। इस दौरान शिकागो में सोया तेल भी कमजोर हुआ। जानकारों के अनुसार विदेशी बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों मैं अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है।

घरेलू बाजार में मांग घटने से सरसों तेल की कीमतों में नरमी आई। हालांकि इस दौरान सरसों खल की कीमतें स्थिर हो गई। व्यापारियों के अनुसार उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक आज स्थिर हो गई, लेकिन अभी भी प्रमुख उत्पादक राज्यों में सरसों का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इसलिए इसकी दैनिक आवक अभी बनी रहेगी। खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल में भी मांग बराबर बनी रहेगी, इसके बावजूद भी इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्वय तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।

उद्योग के अनुसार चालू सीजन में 112 लाख टन सरसों के उत्पादनका अनुमान है, जबकि दिसंबर अंत तक सरसों की आवक 102.50 लाख टन की हो चुकी है। इस दौरान 88.50 लाख टन सरसों की पेराई हो चुकी है, जबकि नेफेड खुले बाजार में 3.75 लाख टन सरसों की बिक्री कर चुकी है। अतः: अभी किसानों के पास सरसों का बकाया स्टॉक करीब 9.50 लाख टन का, व्यापारियों एवं मिलर्स के पास 3.75 लाख टन का तथा नेफेड एवं हाफेड के पास करीब 10.25 लाख टन को मिलाकर कुल बकाया स्टॉक 23.50 लाख टन का बचा हुआ है। कमजोर मांग और सोयाबीन की कीमतों में गिरावट के कारण मलेशियाई एक्सचेंज में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के वायदा भाव में बुधवार को लगातार चौथे सत्र में गिरावट जारी रही। इसके दाम कमजोर होकर दो महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए।


बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर मार्च डिलीवरी के पाम तेल के वायदा अनुबंध में 36 रिंगिट यानी 1 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,624 रिंगिट प्रति टन रह गया। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल अनुबंध और इसका पाम तेल अनुबंध क्रमशः 1.6 फीसदी और 1.8 फीसदी तक कमजोर हुआ। शिकागो में सोया तेल की कीमतें 0.9 फीसदी कमजोर हो गई। व्यापारियों के अनुसार फिलहाल पाम तेल की कीमतों में तेजी का कोई विशेष रुझान देखने को नहीं मिल रहा है।

खाद्य तेलों की मांग कमजोर होने के साथ ही, मजबूत रिंगिट की उम्मीद तथा अर्जेंटीना में फसल के अनुकूल मौसम है, जिससे किसानों को सोयाबीन की बुआई में मदद मिलेगी।
हाल के सप्ताह में अर्जेंटीना के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा से इसके उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है, और जानकारों को उम्मीद है कि इस वर्ष इस फसल के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी होगी। मलेशियाई रिगिंट, पाम की व्यापार मुद्रा डॉलर के मुकाबले 0.61 फीसदी कमजोर हो गई। कमजोर रिगिंट से पाम तेल का आयात सस्ता हुआ है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतें में बुधवार को लगातार दो दिनों की तेजी के बाद गिरावट दर्ज की गई।

कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 3 रुपये कमजोर होकर दाम 998 रुपये प्रति 10 किलो रह गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 3 रुपये घटकर भाव 988 रुपये प्रति 10 किलो बोले गए। जयपुर में बुधवार को सरसों खल की कीमतें 2,925 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर हो गई।
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक 2.85 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में भी आवक इतनी ही बोरियों की हुई थी।

कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 1.50 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 35 हजार बोरियों की आवक हुई।