WhatsApp Group से जुड़े
Join Now
Youtube channel से जुड़े Subscribe
Telegram Channel से जुड़े Join Now

 

गेंहू एवं जौ के लिए बेहद खतरनाक है चेपा किट जानें इसके लक्षण एवं समाधान

Spread the love

गेंहू एवं जौ के लिए बेहद खतरनाक / Chepa kit is very dangerous for wheat and barley, know its symptoms and solution : – नमस्कार किसान भाइयों आज इस पोस्ट में जानेंगे चेपा कीट के कारण गेहूं और जौ की फसल को क्या नुकसान उठाना पड़ता है और इसके लक्षण क्या हैं चेपा कीट का समाधान कैसे करें और बचाव के लिए क्या करें। रोजाना अपनी मंडी भाव अपडेट, फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट और मौसम पूर्वानुमान की जानकारी पाने के लिए गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi Xpert

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

यह भी जाने 👉

खेतों में पाइप लाइन के लिए मिल रही सब्सिडी, जल्दी करें आवेदन, सम्पूर्ण जानकारी

लाल सागर में धान की शिपमेंट बंद होने से भारतीय चावल में आई गिरावट

बदलते मौसम के कारण गेंहू की फसल में चेपा (अल) किट (Chepa Kit in Wheat Crop) से परेशान हुए किसान, बढ़वार रुकेगी, कीट नियंत्रण के समाधान जानें..

गेंहू एवं जौ के लिए बेहद खतरनाक है चेपा किट
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, चेपा किट रबी फसलों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

गेहूं व जौ में चेपा का आक्रमण अधिक देखा गया है। चेपा फसल को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है।

ऐसे में इसके बचाव के लिए हरियाणा कृषि विभाग के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर जरूरी सलाह जारी की गई है।

हरियाणा कृषि विभाग के द्वारा जारी की गई सूचना के मुताबिक, चेपा गेहूं व जौ की फसलों में कीट के बच्चे व प्रौढ़ पत्तों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देते हैं।

क्या है चेपा (अल) किट
चेपा एक तरह का कीट होता है, जो गेहूं व जौ की फसल पर सीधे तौर पर आक्रमण करता है।

अगर यह कीट एक बार पौधे में लग जाता है, तो यह पौधे के रस को धीरे-धीरे चूसकर उसे बहुत ही कमजोर कर देता है, जिसके चलते पौधा का सही से विकास नहीं हो पाता है।

आज का मंडी भाव 👉

मंडी भाव 29 जनवरी 2024 / मूंग 9100 बिका चना ग्वार नरमा मोठ मूंगफली तिल भाव

देखा जाए तो चेपा कीट फसल में नवंबर से फरवरी महीने के बीच में अधिकतर देखने को मिलता है।

यह कीट सबसे पहले फसल के सबसे कोमल व कमजोर हिस्सों को अपनी चपेट में लेता है और फिर धीरे-धीरे पूरी फसल में फैल जाता है।

चेपा कीट मच्छर की तरह दिखाई देता है, यह दिखने में पीले, भीरे या फिर काले रंग के कीड़े की तरह होता है।

गेहूं व जौ की फसलों में चेपा (अल) का आक्रमण होने पर इस कीट के बच्चे व प्रौढ़ पत्तों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देते हैं।

इसके नियंत्रण के लिए 500 मि.ली. मैलाथियान 50 ई. सी. को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल पर छिड़काव करें।

किसान चाहे तो इस कीट से अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं।