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मानसून रिपोर्ट / Weather forecast today

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weather forecast today / कल नीनो का प्रभाव कितना रहेगा और भारतीय मानसून को कितना प्रभावित कर सकता है। इसकी जानकारी हम आपको इस पोस्ट में उपलब्ध करवायेंगें। रोजाना मंडी भाव, तेजी मंदी रिपोर्ट, वायदा बाजार भाव पाने के लिए हमारी वेबसाइट पर जरूर विजीट करें।

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Weather forecast today, आज का मौसम पूर्वानुमान, weather report today

दिल्ली मंडी भाव https://www.mandixpert.com/delhi-nandi-bhav-today-3-may-2023/

अल नीनो के खतरे से निपटने हेतु युद्ध स्तर पर तैयारी की जरूरत वैश्विक मौसम पहले कुछ पूर्वानुमान केन्द्र ने इस वर्ष भारत में अल नीनो मौसम चक्र की सक्रियता बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया था और अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भी इसे स्वीकार कर लिया है।

यह अलग बात है कि मौसम विभाग को उम्मीद है कि हिन्द महासागर का सकरात्मक डायपोल अल नीनो की तीव्रता को उदासीन बना सकता है जिससे मानसून की बारिश पर ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन यह केवल संभावना है और इसलिए उसे निश्चित मानकर आश्वस्त नहीं हुआ जा सकता है।

दक्षिण पश्चिम मानसून करीब एक माह के बाद देश की मुख्य भूमि में पहुंच सकता है। देश में 70-75 प्रतिशत वर्षा इसी मानसून के सीजन में होती है जिसकी समयावधि जून से सितम्बर के चार महीनों की होती है। इसी समय खरीफ कालीन फसलों की बिजाई एवं प्रगति होती है इसलिए अच्छी बारिश का होना अत्यन्त आवश्यक माना जाता है। खरीफ सीजन में धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, अरहर (तुवर), मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरंडी, सूरजमुखी, कंपास, गन्ना एवं जूट सहित अन्य फसलों की खेती होती है। मसाला फसलों में लाल मिर्च एवं हल्दी की बिजाई का भी यही समय होता है।

mansoon report

पिछले साल के कुछ महत्वपूर्ण धान उत्पादक राज्यों में बारिश होने से क्षेत्रफल घट गया था। वैसे अन्य प्रांतों के बेहतर प्रदर्शन के कारण चावल के उत्पादन में भारी गिरावट नहीं आई। कृषि मंत्रालय ने खरीफ कालीन चावल का उत्पादन 2021-22 के 1110 लाख टन से घटकर 202223 में 1080 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है। यदि अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप से इस बार मानसून की बारिश प्रभावित होती है तो धान-चावल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है।

वैसे मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह आवश्यक नहीं है कि अल नीनो के आने से मानसून की स्थिति प्रभावित हो। भूतकाल में अनेक बार ऐसा हो चुका है जब अल नीनो वाले वर्ष मे मानसून की बारिश सामान्य या अधिशेष हुई। इसे देखते हुए फिलहाल घबराने या चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है लेकिन सजग-सतर्क रहना जरुरी है। सरकार को आपातकालीन योजना तैयार रखनी चाहिए ताकि किसी भी विषम परिस्थिति का सफलता पूर्वक सामना किया जा सके।