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धान तेजी मंदी रिपोर्ट 2023 / बासमती धान में आएगी तेजी जानिए रिपोर्ट

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धान तेजी मंदी रिपोर्ट 2023 / Paddy boom recession report 2023 : – नमस्कार किसान भाइयों आज हम धान की तेजी मंदी रिपोर्ट आपको उपलब्ध करवा रहे हैं। आगामी समय में धान भाव क्या भाव रहेंगे और सरकार द्वारा निर्यात कंडीशन हटाने से धान बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा। जानिए हमारी रिपोर्ट। रोजाना अपनी मंडी भाव के लिए गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi Xpert

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धान तेजी मंदी रिपोर्ट 2023, Paddy boom recession report 2023

धान भाव 👉 धान का भाव 6 नवंबर 2023 / 1718,1509,1 121, 1401, 1885 किस्मों के भाव

बासमती चावल में और बढ़ने के आसार
नई दिल्ली, 6 नवम्बर सरकार द्वारा बढ़ती महंगाई को देखते हुए गैर बासमती चावल पैरा बॉयल्ड पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया गया। वहीं बासमती प्रजाति के चावल पर 1200 यूएस डॉलर से कम बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, इसमें संशोधन करके सरकार ने 850 डॉलर प्रतिदिन पर निर्यात कंडीशन कर दिया गया है, जिससे बाजार फिर से बढ़ने लगे हैं। धान के ऊंचे भाव होने से मीलिंग पड़ता महंगा हो गया है, जिससे राइस मिल वाले माल बेचने से पीछे हट गए हैं। फलत: बाजार 200 से 400 रुपए प्रति कुंतल बढ़ गए हैं।

इस बार अल नीनो के प्रभाव से सभी तरह के धान का उत्पादन कम हुआ है, इसे देखकर राइस मिलर्स एवं निर्यातक दोनों ही खरीद में आ गए थे, जिसके चलते चावल की अपेक्षा उसमें ज्यादा तेजी आ गई। सरकार द्वारा देश में चावल की महंगाई को नियंत्रित करने के लिए बासमती प्रजाति के चावल के निर्यात पर न्यूनतम प्राइस 1200 डॉलर प्रति टन कर दिया गया था, उसे संशोधन करके फिर से 850 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है, जिसके चलते 1509 एवं 1121 सेला चावल व स्टीम में भारी तेजी आ गई है।

दूसरा एक महत्वपूर्ण कदम यह उठाया गया है कि गैर बासमती चावल जैसे आर एच 10, पीआर 6 सहित विभिन्न तरह के मोटे चावल एवं बासमती प्रजाति के चावल की मध्य वाली क्वालिटी के चावल पर निर्यात में 20 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया गया है। इसके प्रभाव से गैर बासमती चावल की तेजी को भी विराम लग गया। इससे पहले मोटे चावल के निर्यात पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। गौरतलब है कि धान की फसल तैयार होने लगी है।

हम मानते हैं कि कहीं अत्यधिक वर्षा एवं कहीं बाढ़ तथा कहीं सूखा के चलते धान की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है, जिससे आने वाला उत्पादन भी कम होने की संभावना है, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा घरेलू मंडियों में आम उपभोक्ताओं को चावल मुहैया कराने के लिए यह कदम उठाया गया है ।

लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चावल के भाव इतने ऊंचे हैं कि निर्यातक हर भाव में माल खरीद रहे हैं तथा शरबती चावल में विशेष तेजी आई है, क्योंकि सेला व स्टीम, मिक्सिंग में जाने लगा है। बासमती प्रजाति के सभी धान के भाव मंदे होने की धारणा थी, वह पूरी तरह समाप्त हो गई है तथा बासमती प्रजाति के सभी चावल में 300/400 रुपए प्रति कुंतल की शीघ्र और तेजी की संभावना बन गई है। आज भी, जो कल तक 1121 सेला चावल के भाव 8300/8400 रुपए बोल रहे थे, उसके भाव 8600/8700 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। इधर 1509 सेला भी जो 6700 रुपए कल बोल रहे थे, आज 6900 रुपए में कोई लिवाल दिखाई नहीं दे रहा था तथा आने वाले समय में जबरदस्त तेजी के आसार बन गए हैं।