WhatsApp Group से जुड़े
Join Now
Youtube channel से जुड़े Subscribe
Telegram Channel से जुड़े Join Now

 

मूंग मसूर उड़द तुवर तेजी मंदी रिपोर्ट 2023

Spread the love

Moong boom recession report 2023 / मूंग तेजी मंदी रिपोर्ट 2023 । किसान भाइयों हम आपको इस पोस्ट में बतायेंगे कि मूंग बाजार भाव क्या रहे सकता है। मूंग के भाव में तेजी आने की संभावना है या मंदी आएगी। मूंग के भाव में पिछले 15 दिनों से लगातार उठा पटक जारी है। कभी 100-200 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आती है तो कभी मंदी। इस साल कुछ मंडियों में मूंग भाव ने 10000 रुपए प्रति क्विंटल का आंकड़ा पार कर लिया था। अभी भी मूंग भाव 7500 से 8500 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। रोजाना अपनी मंडी के ताजा भाव अपडेट, वायदा बाजार भाव, फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट और मौसम पूर्वानुमान की जानकारी पाने के लिए हमारी वेबसाइट पर रोजाना विजीट करें और गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi xpert Moong

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

boom recession report 2023 , मूंग भाव तेजी मंदी रिपोर्ट 2023 , मूंग भविष्य 2023 , क्या मूंग भाव में तेजी आएगी , Mandi xpert , moong boom Recession report 2023

मसूर सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह शुरुवात सोमवार कटनी मसूर 5875 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 5825 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मसूर व मसूर दाल मे मांग न रहने से -50 रूपये प्रति कुंटल की कमजोर दर्ज की गई। नीरस मांग से मसूर में दूसरे सप्ताह रही कमजोरी अंतराष्ट्रीय बाजार (ऑस्ट्रेलिया/कनाडा) में व्यापार सुस्त रहा मंडियों में मसूर की आवक सिमित होने के बावजूद ग्राहकी में सुधार नहीं जानकारों के अनुसार तुवर दाल में तेजी से उम्मीद थी की विकल्प के रूप में मसूर की मांग निकलेगी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं दिखा इसबीच सरकार द्वारा बफर के लिए भी मसूर खरीदी की खबर थी लेकिन अभी तक बाजार में खरीदी दिख नहीं है। हालांकि देश में मसूर की सिमित सप्लाई है। लेकिन विदेशों में पर्याप्त स्टॉक है। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा मसूर का आयात पड़ता फिलहाल थोड़ा महंगा मसूर में अनिश्चितता को देखते हुए जरूरतानुसार कारोबार करना बेहतर कटनी मसूर को 5775 पर सपोर्ट; जबकि 6000 के ऊपर ही अच्छी मजबूती।

उड़द सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछले सप्ताह शुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू 9100/25 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 9175 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान उडद मे मांग बनी रहने से +50 रुपए प्रति कुंटल की मजबूत दर्ज की गई,उड़द बाजार में लगातार दूसरे सप्ताह मजबूती रही ग्रीष्मकालीन उड़द के दाम भी मजबूत बने हुए हैं। “उड़द में मजबूती के 3 कारण” 1. बर्मा में तेजी 2. मॉनसून में देरी 3. कमजोर घरेलु स्टॉक,भारत में कमजोर मॉनसून के कारण बर्मा से कम भाव में बिकवाली रुक सी गई है। बर्मा में उड़द स्टॉक की कमी नहीं है। लेकिन निर्यातक मॉनसून पर नजर रखे हैं। यानी की उड़द का भविष्य भारत में मॉनसून और उड़द की बोआई पर अधिक निर्भर देश में सबसे अधिक उड़द मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना फिलहाल उपरोक्त राज्यों में मॉनसून में देरी है, लेकिन आगे सुधार की उम्मीद जरूर है। बर्मा में उड़द का दाम महँगा होने के कारण घरेलू बाजार में भी भाव ऊँचा है। देश में उड़द का स्टॉक कमजोर है इसलिए हमारी निर्भरता बर्मा पर अधिक यदि मॉनसून में देरी होती है भाव में मजबूती जारी रह सकती है। जबकि अच्छे मॉनसून से दाम पर काबू रखने में मदद मिल सकती है। उड़द का फंडामेंटल मजबूत, भविष्य मॉनसून और सरकारी निति पर निर्भर ।

मूंग सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह शुरुवात सोमवार दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन 3 KG 7625/50 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 3KG 7600/25 रूपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मूंग में मांग न रहने से -25 रूपए प्रति कुंटल की कमजोर दर्ज की गई। मूंग में पिछले सप्ताह कमोबेश कमजोरी का रुख रहा मूंग में सप्लाई डिमांड फिलहाल चिंता का विषय नहीं है। हालांकि कमजोर मॉनसून से खरीफ बोआई में असर पड़ने की संभावना बन रही है। देश में सबसे अधिक खरीफ मूंग राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और ओडिशा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में बारिश काफी कमजोर है। राजस्थान और गुजरात में हाल ही में अच्छी बारिश हुई है। यदि अगले 10-15 दिनों में मूंग उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिश नहीं होती है। तो उत्पादन प्रभावित हो सकता है। मूंग की एमएसपी इस साल 803 बढाकर 8558 रुपये प्रति क्विंटल कर देने से किसान कम भाव में मूंग नहीं बेचेगा मूंग की एमएसपी में भारी वृद्धि के कारण अब मूंग में बड़ी कमजोर की संभावना नहीं।

तुवर सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार अकोला तुुवर नयी मारूति 10450 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 10450 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान अकोला तुवर दाल मे मांग सीमित रहने से मिलाजुला रुख रहा। तुवर बाजार में पिछले सप्ताह मिला जुला रुख रहा एक ओर तुवर मिलने में दिक्कत है,तो दूसरी तरफ तुवर दाल में ऊपर में सिमित मांग स्टॉक लिमिट और सरकार द्वारा स्टॉक निगरानी के कारण स्टॉकिस्ट धीरे धीरे तुवर से निकल रहे तुवर स्टॉक धीरे धीर कम होता जा रहा और जो है। वह मजबूत हाथों में कृषि बाजार भाव सर्विस लगातार व्यापारियों को नियमित स्टॉक अपडेट करने और स्टॉक लिमिट के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक कर रहा और उम्मीद करते हैं। सभी के सहयोग से तय उद्देश्य प्राप्त कर सकेंगे “तुवर बोआई देश में कर्नाटक और महाराष्ट्र में लगभग 65% तुवर उत्पादन होता है। कृषि बाजार भाव सर्विस ने कर्नाटका के बीजापुर, गुलबर्गा, बीदर, बागलकोट में किसानों से बात की और उनका कहना है। की बारिश में देरी से अभी तक बोआई 20 दिन तक तुवर बोआई देर हो जाएगी महाराष्ट्र में 24-25-26 जून को बारिश होने के बाद बोआई में प्रगति हो जाएगी अगले 10-15 दिन बोआई के लिए मानसून के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होंगे जो तुवर उत्पादन का भविष्य तय करेगा “आगे बाजार” बर्मा में सिमित स्टॉक, भाव काफी महँगा देशी तुवर स्टॉक भी सिमित और कम भाव में बिकवाल नहीं अफ्रीका तुवर की छिटपुट आवक अगले माह से आएगी लेकिन प्रेशर अगस्त अंत या सितम्बर में ही सभंव तुवर में तेजी का एक प्रमुख कारण राज्य सरकारों दुवारा कल्याणकारी योजना के लिए ऊंचे दाम पर तुवर दाल खरीदना भी है। तुवर का फंडामेंटल मजबूत है। और भविष्य सरकारी निति और मॉनसून पर निर्भर

डिस्क्लेमर : – किसान भाइयों हमने इस रिपोर्ट में हमारा आकलन आपको बताया है। व्यापार अपने विवेक से करें। लाभ हानि की हमारी कोई गारंटी नहीं होगी।